वर्तमान में 5 राज्यों (पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, पांडिचेरी और असम) में चल रहे चुनावों के भाषणों, रैलियों आदि में CAA, NRC आदि नागरिकता से संबंधित शब्दों का काफी प्रयोग किया जा रहा है। इन शब्दों का प्रयोग क्यों किया जा रहा है? वास्तव में ये शब्द नागरिकता संशोधन कानून से संबंधित हैं। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी है। यद्यपि केंद्र सरकार इस पर कदम पीछे हटाने को तैयार नहीं हैं। लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही नागरिकता संशोधन विधेयक ने कानून का रूप ले लिया है।
1. नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 क्या है?
वास्तव में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 एक ऐसा बिल है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आने वाले 6 समुदायों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी) के अवैध शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने की बात करता है।
इसके अतिरिक्त यह भारत के विदेशी नागरिक (Overseas Citizen of India—OCl) कार्ड धारकों के पंजीकरण और उनके अधिकारों को नियंत्रित करता है। OCI भारत यात्रा के लिए पंजीकरण प्रणाली को बहुउद्देशीय, आजीवन वीजा जैसे कुछ लाभ प्रदान करता है।
2. नागरिकता कौन प्रदान करता है?
भारतीय संविधान के अनुसार, नागरिकता एक संघीय विषय है। राज्य सरकारों को इस संबंध में कार्य करने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। नागरिकता के संबंध में नियम बनाने और उन्हें संचालित करने का अधिकार केवल केन्द्रीय संसद को ही प्राप्त है।
3. नागरिकता को प्रमाणित कैसे किया जा सकता है?
इसे निम्नलिखित रूप में प्रमाणित किया जा सकता है —
(i)जमीन के दस्तावेज, जैसे —बैनामा, भूमि के मालिकाना हक का दस्तावेज।
(ii) राज्य के बाहर से जारी किया गया स्थायी निवास प्रमाणपत्र।
(iii) भारत सरकार की ओर से जारी पासपोर्ट।
(iv) किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस /प्रमाणपत्र।
4. नागरिकता कानून क्या है?
31 दिसम्बर, 2014 या उससे पहले भारत आने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के छह धर्मों के अल्पसंख्यकों को घुसपैठिया नहीं माना जाएगा। नागरिकता अधिनियम, 1955 अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से प्रतिबंधित करता है।
5. संविधान में अब तक कितनी बार संशोधन हो चुका है?
26 नवम्बर, 1949 को भारत का संविधान पारित हुआ तथा यह 26 जनवरी, 1950 को औपचारिक रूप से लागू किया गया था।अब तक 126 संविधान संशोधन विधेयक संसद में लाए गए हैं जिनमें से 104 संविधान संशोधन विधेयक पारित हो चुके हैं।
6. भारत का नागरिक कौन है?
अनुच्छेद 5 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति भारत में जन्म लेता है और उसके माता-पिता दोनों या दोनों में से कोई एक भारत में पैदा हुआ हो तो वह भारत का नागरिक होगा। भारत का संविधान लागू होने के पाँच वर्ष से पहले से भारत में रह रहा प्रत्येक व्यक्ति भारत का नागरिक होगा।
7. भारतीय नागरिकता किस प्रकार प्राप्त की जा सकती है?
भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार भारतीय नागरिकता निम्न 5 प्रकार से प्राप्त की जा सकती है —
(i) जन्म से (By Birth)
(ii) वंश परम्परा द्वारा
(iii) पंजीकरण द्वारा
(iv) देशीकरण द्वारा
(v) भूमि के अर्जन द्वारा
8. NRC (National Register of Citizens) के लिए क्या-क्या प्रमाण पत्र चाहिए?
इसके लिए मांगे गए आवश्यक दस्तावेज हैं —
(i) 1951 का NRC
(ii) 24 मार्च, 1971 तक का मतदाता सूची में नाम
(iii) जमीन का मालिकाना हक या किरायेदार होने का रिकॉर्ड
(iv) नागरिकता प्रमाण पत्र
(v) स्थायी निवासी प्रमाण पत्र
(vi) शरणार्थी पंजीकरण प्रमाण पत्र
(vii) किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस /सर्टिफिकेट
9. NRC लागू करने का उद्देश्य क्या है?
इसे लागू करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि अवैध नागरिकों की पहचान करके या तो उन्हें वापस भेजा जाए या फिर जिन्हें संभव हो, उन्हें भारत की नागरिकता देकर वैध बनाया जाए।
10. NRC की आवश्यकता क्यों पड़ी?
इसकी आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि 1971 के दौरान बांग्लादेश से बहुत सारे लोग भारतीय सीमा में घुस गए थे। ये लोग अधिकतर असम और प० बंगाल में घुसे थे। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि जो घुसपैठिए हैं, उनकी पहचान करके उन्हें बाहर निकाला जाए।
11. इस नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर क्या चिंताएँ व्यक्त की जा रही है?
आलोचकों के अनुसार,
* यह 1985 के असम समझौते का उल्लंघन करता है जिसके अनुसार 25 मार्च, 1971 के बाद बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों को धर्म की परवाह किए बिना देश से बाहर निकाल दिया जाएगा।
* इससे NRC का प्रभाव खत्म हो जाएगा।
* यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है (जो नागरिक और विदेशी दोनों को समानता और अधिकार की गारंटी देता है।) क्योंकि धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत संविधान की प्रस्तावना में निहित है।
* भारत में कई अन्य शरणार्थी हैं जिनमें श्रीलंका, तमिल और म्यांमार से आए हिंदू रोहिंग्या शामिल हैं लेकिन उन्हें अधिनियम के अंतर्गत शामिल नहीं किया गया है।
12. यह कानून कहाँ लागू नहीं होगा?
यह कानून संविधान की छठी अनुसूची में शामिल राज्य व आदिवासी क्षेत्रों में लागू नहीं होगा—
* असम : कारबी आंगलोंग जिला, बोडोलैंड, नार्थ चाधर हिल्स जिला।
* मेघालय : खासी हिल्स, जयंतियां हिल्स और गारो हिल्स जिले। मेघालय में सिर्फ शिलांग को छोड़कर शेष क्षेत्रों में कानून लागू नहीं होगा।
* त्रिपुरा के आदिवासी जिले।
* मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड।
* ये प्रावधान बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 के अंतर्गत अधिसूचित ‘इनर लाइन’ क्षेत्रों पर भी लागू नहीं होंगे।