साउंडिंग रॉकेट Sounding Rocket RH-560

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Sounding Rocket
ISRO Sounding Rocket 2021

1.  साउंडिंग रॉकेट Sounding Rocket RH-560 क्या है?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 12 मार्च, 2021 (शुक्रवार रात्रि) को साउंडिंग रॉकेट RH-560 लाँच किया। यह 2 स्टेज रॉकेट ( Rocket) है जो ठोस ईंधन (Solid Propellant) से चलता है। यह ऊँचाई के साथ हवाओं के व्यावहारिक बदलाव (Neutral Winds) और प्लाज्मा डायनामिक्स( Plasma Dynamics) पर अध्ययन करेगा। इस रॉकेट को श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लाँच किया गया।

2.  यह रॉकेट ( Rocket) किस काम आता है?
यह 2 स्टेज रॉकेट( 2nd Stage Rocket) है जो कि स्पेस रिसर्च और ऊपरी वायुमंडलीय क्षेत्रों का अध्ययन करने के लिए मदद करता है, वहीं जो सैटेलाइट लाँच होते हैं और उनमें जो नए कंपोनेंट लगते हैं उनकी टेस्टिंग के लिए भी काम आता है। ये सबसे सस्ता विकल्प है।

3.  साउंडिंग रॉकेट ( Sounding Rocket) क्या होते हैं ?
ये रॉकेट मौसम से जुड़ी जानकारी मापते हैं। ये रॉकेट्स अंतरिक्ष से डाटा इकट्ठा करने के लिए वैज्ञानिक प्रयोगों को लाँच करते हैं। ऐसे रॉकेट्स सामान्य रूप से 1-4 स्टेज के बीच में सॉलिड प्रोपलेंट बेस्ट-इंजन की मदद से लाँच किए जाते हैं जिससे इनकी कीमत और जटिलता दोनों कम रहे।ये रॉकेट 50-1,300 किमी के बीच 5-20 मिनट तक के लिए अंतरिक्ष में पेलोड भेज सकते हैं।

4.  रोहिणी श्रृंखला क्या है?
इसरो ने साउंडिंग रॉकेटों की श्रृंखला विकसित की है, जिसे रोहिणी श्रृंखला कहते हैं। इनमें से RH-200,RH- 300 और RH- 560 महत्वपूर्ण है। ये नाम इन रॉकेटों के व्यास को मिलीमीटर में दर्शाते करते हैं।

5.  साउंडिंग रॉकेट ( Sounding Rocket)का इतिहास क्या है?
इसरो ने इस तरह के साउंडिंग रॉकेट 1963 ई० से लांच करने शुरू किए जिससे ठोस ईंधन को प्रयोग में दक्षता प्राप्त है। वर्तमान समय में इसरो के पास तीन साउंडिंग रॉकेट हैं जिसमें RH-200,RH-300-MK-ii और RH-560-MK-ii शामिल हैं जो 8 से 100 किग्रा का वजन उठाने में सक्षम है तथा इस वजन को लेकर 80-475 किमी की ऊँचाई तक उड़ सकते हैं।

6.  इस रॉकेट की विशेषताएँ क्या हैं ?
ये रॉकेट एक या दो चरण वाले ठोस प्रणोदक रॉकेट है जिनका अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए और ऊपरी वायुमण्डलीय क्षेत्रों के अन्वेषण हेतु उपयोग किया जाता है। ये रॉकेट, प्रक्षेपण यान और उपग्रह की उप प्रणाली आदि के परीक्षण के लिए भी वहनीय मंच उपलब्ध कराते हैं।

7.  इसरो (ISRO) क्या है?
यह भारत सरकार की अंतरिक्ष एजेंसी ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO)’ की स्थापना वर्ष 1969 में की गई थी। इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है। यह अपने विभिन्न केंद्रों के माध्यम से संपूर्ण देश में संचालित होता है।

8.  न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) क्या है?
यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की एक वाणिज्यिक शाखा है। इसका 6 मार्च, 2019 को आधिकारिक से बेंगलुरु में उद्घाटन किया गया था। इसका उद्देश्य भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में निवेश को बढ़ाना है। इसके लिए यह (NSIL ) अंतरिक्ष से संबंधित सभी गतिविधियों को एक मंच पर लाता है तथा अंतरिक्ष संबंधी प्रौद्योगिकियों में निजी उद्यम- शीलता को आकर्षित करता है। NSIL ने अगले पाँच वर्ष में लगभग 10000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई हैं।
इस दौरान उसे लगभग 300 अतिरिक्त वैज्ञानिकों की आवश्यकता भी होगी। इसके लिए NSIL इक्विटी और कर्ज के द्वारा 2000 करोड़ रुपये वार्षिक पूंजी इकट्ठा करेगा। वर्तमान में NSIL की अधिकृत पूँजी 100 करोड़ रुपये है और 2021-22 के केन्द्रीय बजट में कंपनी के लिए 700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

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