1. राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission- NNM) क्या है?
इस मिशन की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। सरकार पूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान के विलय के बाद मिशन पोषण 2.0 शुरू कर रही है।
भारत सरकार द्वारा कुपोषण को दूर करने के लिए जीवन चक्र अभिगम अपना कर चरणबद्ध तरीके से पोषण चलाया है। केंद्र सरकार द्वारा 0 से 6 वर्ष के बच्चों एवं गर्भवती एवं धात्री माताओं के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में समयबद्ध तरीके से सुधार हेतु महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission- NNM) का गठन किया गया है।
2. राष्ट्रीय पोषण मिशन(National Nutrition Mission- NNM) का उद्देश्य एवं लक्ष्य क्या है?
इस मिशन के उद्देश्य एवं लक्ष्य हैं –
(i) 0.6 वर्ष के बच्चों में बौनेपन से बचाव एवं इसमें कुल 6% (प्रतिवर्ष 2% की दर से) कमी लाना।
(ii) 0-6 वर्ष के बच्चों का कुपोषण से बचाव एवं इसमें कुल 6% (प्रतिवर्ष 2% की दर से) कमी लाना।
(iii) 6-59 माह के बच्चों में एनीमिया के प्रसार में कुल 9% (प्रतिवर्ष 3% की दर से) कमी लाना।
(iv) 15-49 वर्ष की किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री माताओं में एनीमिया के प्रसार में कुल 9% (प्रतिवर्ष 3% की दर से) कमी लाना।
(v) कम वजन के साथ जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में कुल 6%(प्रतिवर्ष 2% की दर से) कमी लाना।
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3. देश के लिए महिलाएं और बच्चे कितने महत्वपूर्ण हैं?
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की जनसंख्या में महिलाओं और बच्चों की संख्या 67.7% है। इसलिए महिलाओं और बच्चों का सशक्तिकरण, संरक्षण और उनका समग्र विकास सुनिश्चित करना देश के सतत विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए महिला और बाल विकास मंत्रालय सुरक्षित वातावरण में सुपोषित बच्चों का विकास सुनिश्चित करना चाहता है। यह महिलाओं को एक ऐसा वातावरण प्रदान करने का प्रयास भी करता है जो सुलभ तथा भेदभाव और हिंसा से मुक्त हो।
4. मिशन पोषण 2.0 के लाभ क्या हैं ?
(i) इस योजना से देश के बच्चे और गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा जिससे उन्हें कुपोषण से बचाया जा सके।
(ii) इस योजना का उद्देश्य है कि वर्ष 2022 तक कुपोषण को भारत से खत्म करना है।
(iii) इस योजना से 10 करोड़ बच्चों और महिलाओं को लाभ मिलेगा। उन परिवारों को मदद मिलेगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं तथा जो अपने बच्चे या गर्भवती महिला को पोषणयुक्त आहार नहीं दे सकते।
(iv) नेशनल न्यूट्रीशन मिशन के अंतर्गत पोषण संसाधन खोले जाएंगे जिससे पहले ही वर्ष में 2% तक इस समस्या को कम किया जा सकेगा। एनीमिया से पीड़ित बच्चे व गर्भवती महिलाओं को भी इस मिशन के तहत सही खान-पान और देखरेख मिलेगी।
(v) इस योजना से निर्धन परिवार की महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से बचाने में सहायता मिलेगी तथा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।
5. यह अभियान किस प्रकार काम करेगा?
(i) इस योजना से संबंधित सूचना के लिए एक Application Software तैयार की जाएगी।
(ii) सभी महिला कर्मचारियों को Smart phone और सुपरवाइजरों को Tablet दिया जाएगा।
(iii) सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के कद की सही जानकारी संग्रह करने हेतु इन्फैंटो मीटर (Infantometer)अौर स्टेडियोमीटर (Stadiometer) दिया जाएगा।
(iv) बजट की कमी का पता लगाने के लिए कर्मचारी महिलाएँ प्रत्येक महीने वजन का Data, योजना की बनाई Application Software पर लिखेगी।
(v) विकास में रुकावट और बौनेपन का पता लगाने के लिए कर्मचारी महिलाएँ हर तीसरे महीने लंबाई /ऊंचाई का Data योजना की बनाई Application Software पर लिखेगी।
6. मिशन पोषण 2.0 और भारतीय बजट 2021 :एक दृष्टि में –
देश में कुपोषण की चुनौती से निपटने के लिए पोषण को एक मिशन के रूप में लेने की आवश्यकता है, इसलिए भारत सरकार ने इस वर्ष (2021) के बजट में मिशन पोषण 2.0 की शुरुआत करने की घोषणा की है।
(i) इस बजट से न्यूट्रिशन की सप्लाई बेहतर होगा।
(ii) इस योजना से प्रसव पूर्व केयर, चाइल्ड इम्यूनाइसेशन, न्यूवॉर्न केयर आदि में मदद मिलेगी।
(iii) बजट में पेयजल, पीडीएस, खेती और शिक्षा पर जोर है। इस सबमें निवेश करने से पोषण से संबंधित हालत सुधरेंगे।
(iv) इसके अलावा भारत सरकार ने संपूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान विलय करने का निर्णय इस वर्ष के बजट में किया है।
(v) देश के 112 आकांक्षी जिलों में पोषणगत परिणामों में सुधार लाने के लिए सुदृढ़ीकृत कार्य नीति अपनाने की घोषणा भी बजट में की गई है।
(vi) सरकार सभी 112 जिलों में पोषण संबंधी परिणामों को बेहतर करने के लिए एक गहन रणनीति अपनाएगी।
(vii) बजट में महिला और बाल विकास मंत्रालय को आवंटित 24,435 करोड़ रुपये में से सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 को 20,105 करोड़ रुपये की राशि आवंटित किया गया है।
(viii) इस योजना का मुख्य उद्देश्य 0-6 वर्ष के आयु में बौनेपन के राष्ट्रीय स्तर 34.6% को कम कर 25% करना है।
(xi) इस योजना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उसका संचालन नीति आयोग द्वारा किया जाएगा।
(x) इस मिशन के अंतर्गत जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं में प्रतिवर्ष कम से कम 2% की कमी लाने की योजना है।
(xi) इसका मुख्य उद्देश्य छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोरियों के कुपोषण को कम करना है।
(xii) आंगनबाड़ी के कर्मियों को इस योजना के अंतर्गत घर-घर जाकर सही जानकारी प्राप्त करना, उसकी सही सूची बनाना, कुपोषण से अवगत कराना, जैसे कार्यों के लिए उन्हें प्रोत्साहन के रूप में 500 रूपये दिए जाएँगे।
(xiii) एनीमिया एवं पोषण की कमी में सुधार लाने में मदद करने वाली संस्थाओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा।