मत्स्य संसाधन

0
4896
Knowledge Purpose
मत्स्य संसाधन

मत्स्य (मछली) संग्रहण मनुष्य के प्राचीनतम प्राथमिक व्यवसायों में से एक है। यह एक सस्ता, सुगम एवं पौष्टिक आहार है। विश्व में तेजी से बढ़ती जनसंख्या तथा खाद्य-पदार्थों के अभाव ने मानव को सागरों एवं महासागरों के अक्षय खाद्य भण्डारों (मछली) की ओर आकर्षित किया है। भावी खाद्य समस्या का समाधान बहुत-कुछ मछली पर निर्भर हो सकता है।
महासागर मछलियों के अक्षय भण्डार हैं, परन्तु गहरे महासागरों की अपेक्षा समुद्रतटीय उथले जलमग्न क्षेत्रों में अधिक मछलियाँ पकड़ी जाती हैं। विकासशील देशों में, जहां मांसाहारी भोजन का उपभोग कम किया जाता है, प्रोटीन प्राप्ति का एकमात्र स्रोत मछलियाँ ही हैं। नदियों, झीलों, तालाबों तथा जलाशयों से भी मछलियाँ पकड़ी जाती हैं, जिनसे विश्व की 12% मछली प्राप्त होती है, जबकि व्यावसायिक स्तर पर सागरों एवं महासागरों से विश्व की 88% मछलियाँ पकड़ी जाती हैं।

मछली पकड़ने के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाएँ
सभी सागरों एवं महासागरों में मछली पकड़ने के लिए एक-जैसी भौगोलिक दशाएँ उपलब्ध नहीं हैं। मछलियों की उपलब्धि सागरीय वनस्पति प्लैंकटन की उपस्थिति पर निर्भर करती है। अतः कुछ सागरों में अधिक तथा कुछ में कम मछलियाँ पनपती हैं।
मत्स्य संग्रहण के लिए अनुकूल दशाएँ —
(i) समशीतोष्ण जलवायु।
(ii) उथला एवं विस्तृत महाद्वीपीय निमग्न तट।
(iii) ताजे जल की प्राप्ति।
(iv) प्लैंकटन के रूप में पर्याप्त भोजन की उपलब्धता।
(v) गर्म एवं ठण्डी जलधाराओं के मिलन-क्षेत्र।
(vi) कटी-फटी तट रेखा।
(vii) कुशल एवं साहसी नाविक तथा विकसित नाविक कला।
(viii) विदेशी माँग एवं समीपवर्ती भागों में स्थानीय बाजार की सुविधा।
(ix) मछली पकड़ने वाले नवीन वैज्ञानिक उपकरण।
(x) शीत भण्डारण की व्यवस्था।
(xi) तीव्रगामी परिवहन के साधनों की सुलभता।
(xii) सहायक उद्योगों का विकास।

विश्व के प्रमुख मत्स्य क्षेत्र –
विश्व के प्रमुख मत्स्य क्षेत्र 40° से 50° उत्तरी अक्षांशों के मध्य महाद्वीपों के तटों के समीप विकसित हुए हैं। व्यापारिक दृष्टिकोण से शीतोष्ण कटिबन्ध के समुद्री मत्स्य क्षेत्रों का विशेष महत्व है। उष्ण कटिबन्धीय प्रदेशों तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में (भूमि की कमी के कारण) व्यापारिक मत्स्य स्तर पर पकड़ क्षेत्र विकसित नहीं हो पाए हैं, क्योंकि अधिक गर्मी के कारण इस क्षेत्र की मछलियाँ शीघ्र खराब हो जाती हैं। इसके साथ ही यहाँ मछलियों को प्लैंकटन भी कम मिलता है, तट रेखा सीधी एवं सपाट है, पत्तनों का अभाव है तथा महाद्वीपीय निमग्न तटों का विस्तार भी कम है। व्यापारिक दृष्टिकोण से विश्व के प्रमुख मत्स्य पकड़ क्षेत्र  —
1.  उत्तर-पूर्वी प्रशान्त तटीय क्षेत्र –
विश्व का सबसे विशाल मत्स्य पकड़ क्षेत्र प्रशान्त महासागर के उत्तर में बेरिंग जलडमरूमध्य से लेकर दक्षिण में दक्षिणी चीन तक विस्तृत है। जापान, चीन, कोरिया, ताइवान एवं रूस इस क्षेत्र के प्रमुख मत्स्य उत्पादक देश हैं। जापान विश्व की 26.5% मछली पकड़कर प्रथम स्थान बनाए हुए है।

2.  उत्तर-पश्चिमी यूरोप का तटवर्ती क्षेत्र या उत्तर-पूर्वी अटलाण्टिक मत्स्य क्षेत्र –
यह मत्स्य क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी यूरोप में पुर्तगाल तट (जिब्राल्टर पत्तन) से लेकर श्वेत सागर एवं बैरेण्ट्स सागर तक विस्तृत है। यहाँ मछली पकड़ने के अनेक उथले सागरीय चबूतरे (बैंक) हैं, जिनमें उत्तरी सागर में स्थित डाॅगर बैंक का प्रमुख स्थान है। ग्रेट ब्रिटेन, नार्वे , स्वीडन, आइसलैण्ड, डेनमार्क, नीदरलैण्ड, बेल्जियम, फ्रांस आदि इस क्षेत्र में प्रमुख देश हैं। विश्व की 65% कॉड मछलियाँ इसी क्षेत्र से पकड़ी जाती हैं।

3.  उत्तर अमेरिका का उत्तर-पूर्वी तटीय क्षेत्र या उत्तर-पश्चिमी अटलाण्टिक मत्स्य क्षेत्र –
मत्स्य पकड़ का यह क्षेत्र अटलाण्टिक महासागर में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के पूर्वी तट के सहारे-सहारे लगभग 5 लाख वर्ग किमी क्षेत्रफल में लैब्रेडोर से फ्लोरिडा प्रायद्वीप तक विस्तृत है। यहाँ मछली पकड़ने के अनेक उथले सागरीय चबूतरे हैं, जिनमें ग्राण्ड बैंक सबसे बड़ा है। कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका एवं न्यूफाउण्डलैंड प्रमुख मत्स्य उत्पादक क्षेत्र हैं।

4.  उत्तरी अमेरिका का पश्चिमी तटीय क्षेत्र या उत्तर-पश्चिमी प्रशान्त तटीय मत्स्य क्षेत्र –
उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के पश्चिम में प्रशान्त तट के सहारे-सहारे बेरिंग जलडमरूमध्य में अलास्का से लेकर कैलिफोर्निया तट तक यह मत्स्य क्षेत्र विस्तृत है। इस जलराशि में अलास्का, कनाडा एवं संयुक्त राज्य अमेरिका के मछुआरे मछलियाँ पकड़ते हैं।
स्थानीय उपभोग के लिए कुछ मछलियाँ नदियों झीलों, तालाबों तथा जलाशयों से भी पकड़ी जाती हैं। इन्हें अन्त:स्थलीय मत्स्य क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। इनकी सबसे बड़ी विशेषता है—सुदूर आन्तरिक महाद्वीपीय क्षेत्रों के निवासियों को मछलियाँ उपलब्ध कराना। नदियों पर निर्मित बाँधों के पीछे बनाए गए जलाशयों में भी मछली पालन किया जाता है। इन जलाशयों में शीघ्रता से बढ़ने वाली मछलियाँ ही पाली जाती हैं, जिससे उन्हें वर्ष में दो या तीन बार प्राप्त किया जा सके।

Gyani Labs