1. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना – 2021 क्या है?
इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किसानों को लाभ पहुँचाने के लिए की गई है। इस योजना के अंतर्गत देश में खेती करने वाले किसानों को अपने खेतों में सिंचाई के लिए उचित मात्रा में पानी उपलब्ध कराया जाएगा और उसके लिए सरकार सिंचाई उपकरणों के लिए सब्सिडी भी प्रदान करेगी। इस योजना के लिए केंद्र द्वारा 75% अनुदान दिया जाएगा और शेष 25% राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।
2. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई – 2021 का उद्देश्य क्या है?
इस योजना के द्वारा देश के हर खेत को पानी पहुँचाना है। इस योजना के माध्यम से अधिक बल जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग पर है तथा सूखे से होने वाली हानि की रोकथाम की जा सके। इससे उपलब्ध संसाधनों का कुशल उपयोग हो सकेगा और किसानों को अधिक पैदावार मिलेगी।
3. इस योजना के लाभ क्या हैं ?
* इसके अंतर्गत किसानों को उनके खेतों में सिंचाई हेतु उचित मात्रा में पानी उपलब्ध कराना है। इसके लिए सरकार किसानों को सिंचाई उपकरणों के लिए सब्सिडी भी प्रदान करेगी।
* इस योजना से पानी की कमी को पूरा किया जाएगा। जिससे किसानों को सिंचाई करने में सुविधा होगी।
* इस योजना द्वारा किसानों के स्वयं के कृषि योग्य भूमि तक जल पहुँचाया जाएगा।
* इस योजना से कृषि में विस्तार होगा जिससे अर्थव्यवस्था का पूर्ण विकास संभव हो पाएगा।
* नए उपकरणों की प्रणाली के प्रयोग से 40-50% पानी की बचत हो पाएगी तथा 35-40% कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी एवं उपज की गुणवत्ता में तेजी आएगी।
4. सूक्ष्म सिंचाई क्या है?
यह एक सिंचाई पद्धति है जो पारंपरिक छिड़काव प्रणाली की तुलना में कब दबाव और प्रवाह के साथ होती है। इस प्रणाली के माध्यम से कम पानी से अधिक क्षेत्रों की सिंचाई की जाती है। इसका उपयोग पंक्ति फसलों, बागों और बेलों के लिए किया जाता है। इससे पानी की बर्बादी को रोका जाता है तथा जल की उपयोगिता में वृद्धि होती है।
5. सिंचाई कितने प्रकार के होती हैं?
सिंचाई चार प्रकार की होती है –
(i) छिड़काव सिंचाई प्रणाली – यह पानी सिंचाई की एक विधि है जो वर्षा के समान है। इसमें पानी को पाइप तंत्र (पंपिंग) द्वारा वितरित किया जाता है। फिर उसे स्प्रे हेड के माध्यम से हवा और पूरी मिट्टी की सतह पर छिड़का जाता है। जिससे भूमि पर गिरने वाला पानी छोटी-छोटी बूदों में बँट जाता है। यह लगभग सभी फसलों के लिए उपयुक्त है; जैसे – गेहूँ, चना,दाल, सब्जी, कपास, सोयाबीन, चाय, कॉफी, चारा फसलें आदि।
(ii) बेसिन या द्रोणी सिंचाई – इसके अंतर्गत वर्षा या बाढ़ के समय निम्न भूमि या गर्तों से जल एकत्रित कर लिया जाता है और उसका उपयोग समीपवर्ती खेतों में फसलों की सिंचाई के लिए किया जाता है।
(iii) कुओं और रेहट से सिंचाई – स्थान विशेष की भौगोलिक स्थिति के अनुसार पानी भूमि की सतह के नीचे रिसकर पहुँच जाता है। इस पानी को प्राप्त करने के लिए कुओं का निर्माण किया जाता है। कुएं के ऊपर घिरनी लगाकर बाल्टियों से पानी प्राप्त किया जाता है।
रहट सिंचाई एक ऐसी सिंचाई पद्धति है जिसमें न ही ईंधन और नहीं बिजली का प्रयोग होता है। इस तकनीक में दो बैलों की मदद से कुएं से सिंचाई के लिए जल निकाला जाता है।
(iv) बौछारी (स्प्रिंकलर) सिंचाई या सूक्ष्म सिंचाई- इस विधि से सिंचाई में पानी को छिड़काव के रूप में दिया जाता है। जिससे पानी पौधों पर वर्षा की बूँदों जैसी पड़ती है। पानी की बचत और फसलों आदि की अच्छी पैदावार के लिए यह प्रणाली अति उपयोगी और वैज्ञानिक तरीका मानी गई है।
6. कृषि में जल का महत्व क्या है?
कृषि में मिट्टी के बाद सबसे महत्वपूर्ण कारक है- सिंचाई का जल। पृथ्वी पर लगभग 97% जल महासागरों में खारे पानी के रूप में है, 2% बर्फ के रूप में पर्वत श्रृंखलाओं पर जमा हुआ है शेष बचे 1% जल हमारे पास उपयोग के लिए उपलब्ध है। हमारे पास उपलब्ध जल का अधिकांश उपयोग कृषि कार्य में ही किया जाता है।
7. कृषि में जल संरक्षण कैसे किया जा सकता है?
इसमें कृषि योग्य क्षेत्र में संचित वर्षा जल के अन्त: सरण (इंफिल्ट्रेशन) में सुधार के द्वारा मृदा में जल संरक्षण को बढ़ाया जाता है। इस प्रक्रिया में 100 सेमी चौड़ी क्यारियाँ, 50 सेमी गहरे कुंड के साथ बनाई जाती हैं। प्रायः 5% की मृदा ढलान एवं जहाँ वर्षा 350-750 मिमी होती है, उस स्थान को इसके लिए चुना जाता है।
8. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना – 2021 की पात्रता किसे प्राप्त हो पाएगी?
* इसके लिए किसानों के पास कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
* इस योजना के पात्र लाभार्थी देश के सभी वर्ग के किसान होंगे।
* इसके अंतर्गत सेल्फ हेल्प ग्रुप्स , ट्रस्ट, सहकारी समिति, इंकॉर्पोरेटेड कंपनियां, उत्पादक कृषकों के समूहों के सदस्यों और अन्य पात्रता प्राप्त संस्थानों के सदस्यों को भी लाभ प्रदान किया जाएगा।
* इस योजना का लाभ उन संस्थानों और लाभार्थियों को भी मिलेगा जो न्यूनतम सात वर्षों से Lease Agreement के अंतर्गत उस भूमि पर खेती करते हों।
9. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना – 2021 के लाभार्थी के पास क्या दस्तावेज होने चाहिए?
इसके लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी —
* आवेदक का आधार कार्ड।
* पहचान पत्र।
* किसानों की जमीन के कागजात।
* जमीन की जमा बंदी (खेत की नकल)।
* बैंक अकाउंट पासबुक।
* पासपोर्ट साइज फोटो।
* मोबाइल नंबर।
10. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- 2021 में आवेदन कैसे करें?
इसके लिए आधिकारिक पोर्टल स्थापित किया गया है। यहाँ योजना से संबंधित सभी जानकारियाँ उपलब्ध हैं। इस योजना में आवेदक को अपने प्रदेश की कृषि विभाग की बेवसाइट पर जाकर आवेदन संबंधित जानकारी मिल सकती है।