नई शिक्षा नीति 2020

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New National Education Policy
New National Education Policy 2020

प्र०1.  नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्या है?
उ०-  नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy 2020) के अंतर्गत वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio – GER) को 100% लाने का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति के अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र पर जी डी पी के 6% भाग के सार्वजनिक व्यय का लक्ष्य रखा गया है।

प्र०2.  नई शिक्षा नीति (National Education Policy 2020) में कितने भाग हैं?
उ०-  नई शिक्षा नीति में पहले जो 10+2 की परंपरा थी, अब वह खत्म हो जाएगी। अब उसके स्थान पर सरकार 5+3+3+4 की बात कर रही है। 5+3+3+4 में 5 का अर्थ है – 3 वर्ष प्री-स्कूल के और कक्षा 1 और 2 के बाद के, उसके बाद के 3 का अर्थ है कक्षा 3,4 और 5, उसके बाद के 3 का अर्थ है कक्षा 6,7 और 8 और अंतिम 4 का अर्थ है कक्षा 9,10,11 और 12.

प्र०3.  नई शिक्षा नीति (National Education Policy 2020) कब लागू होगी?
उ०-  इस शिक्षा नीति में 5+3+3+4 स्ट्रक्चर का उल्लेख किया गया है इसके अंतर्गत 3 से 6 वर्ष तक की उम्र के बच्चों के लिए प्री-स्कूल अनिवार्य होगा। इस स्ट्रक्चर को नेशनल करिकुलम फॉर स्कूल एजुकेशन में विस्तार से समझाया जाएगा, जो 2021 में आने वाला है।

प्र०4.  नई शिक्षा नीति (National Education Policy 2020) के अध्यक्ष कौन थे?
उ०-  इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी मिल गई है। इसका उद्देश्य भारत में स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना है।

प्र०5.  नई शिक्षा नीति (National Education Policy 2020) स्कूल क्या है?
उ०-  इस नीति के प्रावधान के अनुसार स्कूलों में 10+2 पद्धति खत्म होगी तथा 5+3+3+4 की नई व्यवस्था लागू होगी। इसके अंतर्गत पहले तीन साल बच्चे आंगनबाड़ी में प्री-स्कूलिंग शिक्षा लेंगे। फिर अगले दो साल कक्षा एक और दो में बच्चे स्कूल में पढ़ेंगे। इन पांच सालों की पढ़ाई के लिए एक नया पाठ्यक्रम तैयार होगा। सामान्यतया एक्टिविटी आधारित शिक्षण पर ध्यान रहेगा। इसमें 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों को सम्मिलित होंगे।

प्र०6.  राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy 2020) कब आई?
उ०-  नई शिक्षा नीति 34 वर्ष पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 (National policy on Education- NPE, 1986) को प्रतिस्थापित करेगी।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है। वर्ष 1968 और 1986 के बाद यह भारत की तीसरी शिक्षा नीति है।

प्र०7.  इस शिक्षा नीति में क्या परिवर्तन हुआ?
उ०-  इस शिक्षा नीति में 12 वर्ष की स्कूली शिक्षा का प्रावधान किया गया है। अब तक शिक्षा प्रणाली से दूर रखे गए 3-6 वर्ष के बच्चों को भी स्कूल पाठ्यक्रम के अंतर्गत लाया जाएगा। उनके लिए विशेष पाठ्यक्रम निर्धारित किया जाएगा। इस व्यवस्था को संपूर्ण विश्व में बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण चरण के रूप में मान्यता दी गई है।

प्र०8.  इस शिक्षा में ड्रोपआउट बच्चों की संख्या कम करने हेतु क्या उपाय किए गए हैं?
उ०-  इस शिक्षा नीति में कम से कम ग्रेड 5 अथवा ग्रेड 8 तक और उससे आगे की कक्षा में भी मातृभाषा/ स्थानीय भाषा /क्षेत्रीय भाषा को ही शिक्षा का माध्यम रखने पर विशेष जोर दिया गया है। विद्यार्थियों को स्कूल के सभी स्तरों और उच्च शिक्षा में संस्कृत को एक विकल्प के रूप में चुनने का अवसर दिया जाएगा। त्रिभाषा फॉर्मूला में भी यह विकल्प शामिल होगा।

प्र०9.  इस शिक्षा नीति में पाठ्यचर्या के कौन-कौन से अंग हैं?
उ०-  इस नीति में पाठ्यचर्या के चार मुख्य आधार होते हैं — सामाजिक शक्तियों, स्वीकृत सिद्धांतों द्वारा प्राप्त मानव विकास का ज्ञान, अधिगम का स्वरूप तथा ज्ञान और संज्ञान का स्वरूप। इस प्रकार पाठ्यचर्या किसी विशिष्ट समाज के एक विशिष्ट आयु वर्ग के बच्चों की शिक्षा के लिए निर्मित होती है।

10.  नई शिक्षा नीति National Education Policy 2020 : एक दृष्टि में –
a) इस नीति के अंतर्गत स्कूल के बच्चों के प्रदर्शन को तीन स्तर पर रखा जाएगा। बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में बदलाव होगा। उनका तीन स्तर पर आंकलन किया जाएगा। एक स्वयं छात्र करेगा, दूसरा सहपाठी और तीसरा उसका शिक्षक। नेशनल एसेसमेंट सेंटर—परख बनाया जाएगा जो बच्चों के सीखने की क्षमता का समय-समय पर परीक्षण करेगा। 100% नामांकन के द्वारा पढ़ाई छोड़ चुके लगभग 2 करोड़ बच्चों को पुनः प्रवेश दिलाया जाएगा। हर कक्षा में जीवन कौशल परखने पर जोर होगा जिससे जब बच्चा 12वीं कक्षा से निकालेगा तो उसके पास पूरा पोर्टफोलियो होगा। इसके अलावा पारदर्शी एवं ऑनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
b) इस नीति में बच्चों का तनाव कम करने और छात्रों को अधिक से अधिक सुविधा देने के लिए कई बड़ी बातें कहीं गई हैं। कक्षा पाँचवीं तक और जहाँ तक संभव हो सके आठवीं तक मातृभूमि में ही शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
c) इस नीति में 12 वर्ष की स्कूली शिक्षा का प्रावधान किया गया है। अब तक शिक्षा प्रणाली से दूर रखें गए 3-6 वर्ष के बच्चों को भी स्कूली पाठ्यक्रम के अंतर्गत लाया जाएगा।
d) कक्षा 6 से ही छात्रों में कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए विशेष तौर पर वोकेशनल कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके लिए इच्छुक छात्रों को 6 कक्षा के बाद से ही इंटर्नशिप करवाई जाएगी। इसके अतिरिक्त संगीत और कला को बढ़ावा दिया जाएगा। इन्हें पाठ्यक्रम में लागू किया जाएगा।
e) हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं के अतिरिक्त आठ क्षेत्रीय भाषाओं में भी ई-कोर्स होगा। वर्चुअल लैब के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। तकनीकी माध्यम से दिव्यांगजनों में शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। बालिकाओं के लिए लैंगिक कोष की बात कही गई हैं।
f) इस शिक्षा नीति में 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने की घोषणा की गई है। परीक्षाएँ दो बार कराने, वस्तुनिष्ठ और व्याख्यात्मक दो भागों में कराने का भी सुझाव है। बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों की वास्तविक क्षमताओं एवं योग्यताओं को परखा जाएगा। विभिन्न बोर्ड आने वाले समय में बोर्ड परीक्षाओं के व्यवहार्य मॉडल तैयार करेंगे, जैसे- वार्षिक, सेमिस्टर और मोड्यूलर बोर्ड परीक्षाएँ। बोर्ड परीक्षाएँ दो भागों में या दो तरह से, जैसे वस्तुनिष्ठ और व्याख्यात्मक भी हो सकती हैं।
g) इस शिक्षा नीति में तकनीक के प्रयोग पर जोर दिया जाएगा। इनमें ऑनलाइन शिक्षा का क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेट तैयार करना, वर्चुअल लैब, डिजिटल लाइब्रेरी जैसी योजनाएँ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कक्षा 6 से ही कौशल पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएँगे। 9 से 12वीं के छात्रों को विषय चुनने की स्वतंत्रता होगी। विज्ञान या गणित के साथ फैशन डिजाइनिंग भी पढ़ने की आजादी होगी।
h) हर विषय में पाठ्यक्रम सामग्री को कम किया जाएगा। इसमें क्रिटिकल थिंकिंग, समग्र, पूछताछ आधारित, खोज आधारित, चर्चा आधारित और विश्लेषण आधारित बनाया जाएगा।
i) केन्द्रीय विद्यालयों में प्री-स्कूल सेक्शन भी होगा।
j) हर स्तर पर प्रायोगिक ज्ञान को बढ़ावा दिया जाएगा।
k)  पाठ्यक्रम सामग्री में आइडिया, एप्लीकेशन और समस्या समाधान पर अधिक फोकस होगा। टीचिंग और लर्निग अब इंटरेक्टिव तरीके से होगी।
l) स्कूली छात्रों का न्यूट्रीशन एंड हेल्थ कार्ड बनेगा और छात्रों की नियमित स्वास्थ्य की जाँच होगी।
m)   NCERT 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (NCPFECCE) के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम  और शैक्षणिक ढांचा विकसित करेगा।
n)  विद्यार्थियों को ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल के तहत 6-8 ग्रेड के दौरान किसी समय ‘भारत की भाषाओं पर एक आनंददायक परियोजना /गतिविधि में भाग लेना होगा।
o) कोरियाई, थाई, फ्रेंच, जर्मन, स्पैनिश, पुर्तगाली, रूसी भाषाओं को माध्यमिक स्तर पर सम्मिलित किया जाएगा।

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