गांधी शांति पुरस्कार 2020(Gandhi Peace Prize)

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1.  गांधी शांति पुरस्कार किसे दिया जाता है?
गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize) व्यक्तियों और संस्थानों को अहिंसा और अन्य गांधीवादी तरीके के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के लिए उनके योगदान के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार भारत सरकार द्वारा वर्ष 1995 से प्रत्येक वर्ष प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ से परे सभी व्यक्तियों के लिए है। इस पुरस्कार की स्थापना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 125 वीं जयंती पर की गई थी। इस पुरस्कार में पट्टिका के अलावा 1 करोड़ रुपये का नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र तथा अति सुंदर पारंपरिक हस्तकला /हथकरघा से बनी वस्तु प्रदान किया जाता है।

2.  वर्ष 2020 के लिए गांधी शांति पुरस्कार(Gandhi Peace Prize) किसे दिया जाएगा ?
वर्ष 2020 के लिए गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize) बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को प्रदान किया जाएगा।

3.  वर्ष 2019 के लिए गांधी शांति पुरस्कार(Gandhi Peace Prize) किए दिया जाएगा?
वर्ष 2019 के लिए ओमान के (स्वर्गीय) सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने और खाड़ी क्षेत्र में शांति तथा अहिंसा को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों को मान्यता देने के लिए प्रदान किया जा रहा है।

4.  शेख मुजीबुर रहमान कौन थे?
शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और बाद में बांग्लादेश के प्रधानमंत्री थे। 15 अगस्त, 1975 को उनकी हत्या कर दी गई। उन्हें बांग्लादेश में ‘राष्ट्रपिता’ या ‘मुजीब’ के रूप में जाना जाता है। वे अपने लाखों प्रशंसकों के लिए अदम्य साहस और अथक संघर्ष के प्रतीक हैं।
वे बांग्लादेश के संस्थापक नेता और महान अगुआ थे। उन्हें सामान्यतः बांग्लादेश का जनक कहा जाता है। वे अवामी लीग के अध्यक्ष थे। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सशस्त्र संग्राम की अगुवाई करते हुए बांग्लादेश को मुक्ति दिलाई। उन्हें बंगबंधु की पदवी से सम्मानित किया गया।
बांग्लादेश देश की मुक्ति के तीन वर्ष के भीतर ही 15 अगस्त, 1977 को सैनिक तख्तापलट के द्वारा उनकी हत्या कर दी गई। उनकी दो बेटियों में एक शेख हसीना तख्तापलट के बाद जर्मनी से दिल्ली आई और 1981 तक दिल्ली में रही तथा 1981 के बाद पिता की राजनैतिक विरासत को संभाला।

5.  इस पुरस्कार के लिए पात्रों का चयन किस प्रकार होता है?
इस पुरस्कार से संबंधित जूरी की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं। इसमें भारत के प्रधानमंत्री एवं लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता जूरी के दो पदेन सदस्य होते हैं। इस जूरी की बैठक 19 मार्च, 2021 को हुई थी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन के संस्थापक विदेश्वर पाठक भी इस जूरी का हिस्सा हैं ।

* पूर्व में (1995 से) गांधी शांति पुरस्कार के प्राप्त कर्ता

(i) वर्ष 1995 —डॉ जूलियस नायरेरे (तंजानिया, के प्रथम राष्ट्रपति)
(ii) वर्ष 1996 —ए टी अरियारत्ने (सर्वोदय श्रमदान आंदोलन के संस्थापक)
(iii) वर्ष 1997 —गेर्हार्ड फिशर (कोढ़ एवं पोलियो पर शोध के लिए प्रसिद्ध)
(iv) वर्ष 1998 —रामकृष्ण मिशन (स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित)
(v) वर्ष 1999 —बाबा आम्टे (समाज सेवक)
(vi) वर्ष 2000 —नेल्शन मंडेला, सह-प्राप्त कर्ता (भूतपूर्व द० अफ्रीका के राष्ट्रपति)
(vii) वर्ष 2000 —बांग्लादेश ग्रामीण बैंक, सह प्राप्त कर्ता (मुहम्मद युनुस द्वारा स्थापित)
(viii) वर्ष 2001 —जॉन ह्यूम (उत्तरी अायरिश राजनीतिज्ञ)
(ix) वर्ष 2002 —भारतीय विद्या भवन
(x) वर्ष 2003 —बैक्लेब हैवेल (चेकोस्लोवाकिया के अंतिम और चेक गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति)
(xi) वर्ष 2004 —कोरेट्टा स्कॉट किंग (मार्टिन लूथर किंग की विधवा)
(xii) वर्ष 2005 —डेस्मंड टूटू (द० अफ्रीका के क्लेरिक एवं सक्रिय)
(xiii) वर्ष 2009 —द चिल्ड्रेन्स लीगल सेंटर
(xiv) वर्ष 2013 —चंडी प्रसाद भट्ट (पर्यावरणवादी और सामाजिक कार्यकर्ता)
(xv) वर्ष 2014 —भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)
(xvi) वर्ष 2015 —विवेकानंद केंद्र (कन्याकुमारी)
(xvii) वर्ष 2016 —अक्षम पात्र फाउंडेशन, भारत और सुलभ इंटरनेशनल (संयुक्त रूप से)
(xviii) वर्ष 2017 —एकल अभियान ट्रस्ट
(xix) वर्ष 2018 —श्री योही ससाकावा (जापान)

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