यह पानी के भीतर रह सकती है। यह जहाज सन् 1600 में हालैंड के वानडेबेल नामक व्यक्ति ने तैयार किया था। उस के बाद 1773 में अमेरिका के डेविड कुशनेल ने कछुए के आकार की पनडुब्बी तैयार की थी। आधुनिक पनडुब्बी को जान. पी., हालैंड निवासी तथा अमेरिका के साइमन लैक ने निर्माण किया था। सबसे
पहली ब्रिटिश पनडुब्बी सन् 1902 में बनाई गई थी। स्वाभाविक रूप से पनडुब्बियाँ पानी के अंदर सुलभता से चल सकती हैं। कई पनडुब्बियों में ऐसी मीनारें होती हैं, जिनमें कि पेरिस्कोप लगे होते हैं, जिस के द्वारा पनडुब्बी के पानी के भीतर रहने पर भी समुद्रतल की चीजें स्पष्ट दिखाई देती है। पनडुब्बियों में दोहरे बाहरी भाग होते हैं, जिनके बीच में हवा या पानी के लिए स्थान होता हैं। नीचे का भाग ऐसा मजबूत बनाया जाता है, जो सैकड़ों मीटर गहराई में पानी के दबाव को झेल सके। 60 मी० गहराई में पानी का दबाव लगभग प्रतिवर्ग सेमी० 6 किग्रा०होता है। पानी के भीतर पनडुब्बियों की गति 38 किमी० प्रति घंटा होती हैं तथा पानी के ऊपर 19 किमी० प्रति घंटा रह जाती हैं। ये पनडुब्बियाँ, डीज़ल, पेट्रोल, बिजली या आणविक शक्ति से चलाई जा सकती हैं।