प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च, 2021 को विश्व जल दिवस पर ‘जल शक्ति अभियान : Catch the rain अर्थात् वर्षा जल संचयन अभियान’ की शुरुआत की। इस अभियान के अंतर्गत केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच केन-बेतवा संपर्क परियोजना क्रियान्वित करने संबंधी समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। इससे म०प्र० और उ०प्र० के कई जिलों को सूखे से राहत मिलेगी। यह नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय योजना के अंतर्गत पहली परियोजना है।
1.  इस अभियान का उद्देश्य क्या है?
जल शक्ति अभियान :कैच द रेन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्षा जल संचयन अभियान देश भर में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा।इसे देशभर के 718 जिलों में एक साथ शुरू किया जाएगा। इसका नारा होगा —जहाँ भी गिरे और जब भी गिरे, वर्षा का पानी जमा करें (Catch the rain, when it falls, where it falls).
2.  यह अभियान कब तक तथा क्यों चलाया जाएगा?
इस अभियान को 22 मार्च से 30 नवम्बर 2021 तक चलाया जाएगा। इस अभियान को गांव-गांव में जन – आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा जिससे वर्षा के पानी का संचयन सुनिश्चित हो और भूजल स्तर बेहतर बने।
3.  यह अभियान कैसे चलाया जाएगा?
* इस अभियान के अंतर्गत सरकारों, संस्थाओं और समाज को चेक डैम, वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स, रूफ टॉप वर्षा जल संग्रहण प्रणाली आदि लगाने, तालाबों सहित सभी जलस्रोतों के अतिक्रमण हटाने और उनकी स्थिति सही करने का काम होगा जिससे अधिक मात्रा में और अधिक समय तक जल संग्रह हो सके। इन स्रोतों तक उनके कैचमेंट एरिया से वर्षा का पानी लाने वाले चैनलों की राह से बाधाएँ हटाईं जाएंगी। खराब पड़े बोरवेल्स और सूख चुके कुओं को सुधारा जाएगा जिससे इनके द्वारा वर्षा का पानी भूमि के अंदर जा सके।
* इसके अंतर्गत सभी राज्यों के प्रत्येक जिले में रेन सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे। इन रेन सेंटर्स का मोबाइल नंबर लोगों से साझा किया जाएगा। प्रत्येक सेंटर पर वर्षा जल संग्रहण प्रणाली का एक विशेषज्ञ होगा जो लोगों को तकनीकी की जानकारी देगा।
* सभी शहरों के सभी भवनों के छतों पर वर्षा जल संग्रहण प्रणाली (RWH) स्थापित की जाएगी। इससे शहरी क्षेत्रों का भूजल स्तर बढ़ेगा और सड़कों पर जल भराव की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
* प्रत्येक जिले में अतिक्रमण हटवाया जाएगा। तालाबों को रेवेन्यू रिकॉर्ड से चिह्नित किया जाएगा।
* इस अभियान में सभी जिलाधिकारियों, IIT,IIM, केन्द्रीय विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालय, रेलवे चेयरमैन, एयरपोर्ट  अथॉरिटी, सार्वजनिक उपक्रमों, सेंट्रल आर्म्ड फोर्स के डीजी की मदद ली जाएगी। इन अधिकारियों, संस्थाओं के अधीन बहुत सारी खाली निर्माणाधीन या आवासीय जमीन हैं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए इनकी सक्रिय भागीदारी होगी।



